साल 2019 हम सबके की लिए कुछ ना कुछ लेके आया होगा | किसी के लिए यह साल अच्छी शुरुवात लाया होगा किसी के लिए दुःख या एक सतर्क शुरुवात | पर कई बार नए साल के इस बदलाव में हम बहुत कुछ भूल जाते है , पिछले सालों के खट्टे -मीठे पलों को याद करके अक्सर मुस्कुराते हैं , पर कई है जिनके लिए नया साल वो गुजरता पल है जिसको वो स्वीकारना नही चाहते और पुराने पलों को वापस जीना चाहते हैं, इसी ख्वाहिश को कविता में पिरोया है जिसका नाम है " काश".....
Photo by Steven Spassov on Unsplash |
बदलता साल काश बदल देता वो सबकुछ,
जिसके बदलने से किसी का दिल टूट गया ,
किसी अपने की आँखें नम हो गयी |
बदलना ही था तो वो पल ही बदल देता ,
जिसमें हाथ से वो हमसफ़र खो गया ,
जिसमें कोई अपना हंसना ही भूल गया |
बदलाव की इस आंधी में मेरी रूह भी खो सी गयी है ,
मेरी ख़ुशी भी इस बवंडर में तबाह हो गयी है
और दूर तलक नज़रें खोजती रह गयी अपने वजूद को ,
पर अब करने को कुछ रह नही गया |
बस स्वीकार करना ही था वो सबकुछ ,
पर आज तक स्वीकार भी कहाँ हो पाया ये सबकुछ |
बदलता साल काश बदल देता वो सबकुछ ||
जिसके बदलने से किसी का दिल टूट गया ,
किसी अपने की आँखें नम हो गयी ,
जिसमें कोई अपना हंसना ही भूल गया |
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