हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में रहते हैं जहाँ शक्तिशाली और उन्नत देश वही माना जाता है जो वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से अच्छी तरह से विकसित हो | औद्योगीकरण , आर्थिक विकास की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विकसित देशों के उदाहरण से भी संकेत मिलता है कि आय और औद्योगिक विकास के उच्च स्तर के बीच सीधा संबंध है | इसके अलावा एक मजबूत औद्योगिक आधार बेरोजगार लोगों के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए आवश्यक है | औद्योगीकरण व्यापार अंतराल पर काबू पाने में भी मदद करता है | मानव की जरूरतों की पूर्ति उद्योग द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के माध्यम से ही मिल सकती है | भारत को औद्योगीकरण की जरूरत है क्यूंकी भारत को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए यही एक रास्ता है |
उद्योगों में इस्तेमाल मशीनों की ज़रूरत है ऊर्जा और ऊर्जा के उत्पादन के लिए हमें ईंधन की
जरूरत है| अपने निहित पर्यावरण ,सौम्य स्वभाव , अधिक से अधिक दक्षता और कम लागत की प्रभावशीलता के कारण “ प्राकृतिक गैस
” सबसे पसंदीदा ईंधन के रूप में उभरी है |
प्राकृतिक गैस की मांग में तेजी से वैश्विक स्तर पर पिछले दो दशकों में वृद्धि हुई
है | भारत में भी प्राकृतिक गैस ने ईंधन के क्षेत्र में महत्त्वता प्राप्त की है, विशेष रूप से पिछले एक
दशक में , इसीलिए “प्राकृतिक गैस” 21वी सदी ईंधन के रूप में माना जा रहा है | पश्चिमी अपतटीय
क्षेत्र से गैस का उत्पादन होता है जो महाराष्ट्र में और आंशिक रूप से गुजरात में लाई जाती है | उरण,
महाराष्ट्र से लाई गैस
मुंबई और उसके चारों ओर के शहरों में उपयोग की जाती है |
हजीरा के लिए लाई गैस
‘खट्टी गैस’ है जो गैस में मौजूद सल्फर हटाने के बाद मीठी बन जाती है जिसे हजीरा में आंशिक रूप से उपयोग किया जाता
है और बाकी हजीरा- विजयपुर- जगदीशपुर (एचवीजे) पाइपलाइन में दे दी जाती है जो गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के
माध्यम से गुजरती है | गुजरात, असम, आदि में उत्पादित गैस, संबंधित राज्यों के भीतर
उपयोग की जाती है. |प्राकृतिक गैस
को एक मजबूत वितरण नेटवर्क के साथ मौजूदा मांग की आपूर्ति करने की भी आवश्यकता थी परन्तु यह एक बड़ी चुनौती थी और
एक कुशल, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके में मांग और आपूर्ति के
केन्द्रों के बीच भौतिक अंतर को पूरा करने की भी ज़रूरत थी | गैस की पाइपलाइन ऊर्जा
परिवहन का सबसे सुरक्षित, आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से बढिया विकल्प प्रदान करता
है इसीलिए भारतीय सरकार ने देश की प्राकृतिक
गैस की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत
को पहचाना और 1991 में
गेल इंडिया लिमिटेड ने
अट्ठाईस सौ किलोमीटर (1700
मील ) में हजीरा – विजयपुर - जगदीशपुर पाइपलाइन (HVJ) को शुरू किया जिसने भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर पहचान दिलाई |. 1991-1993 के बीच तीन द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस के कारखानों का
निर्माण किया गया और कुछ क्षेत्रीय
पाइपलाइनों का अधिग्रहण किया जिससे गेल भारत के विभिन्न भागों में अपनी गैस परिवहन प्रणाली
शुरू करने के लिए सक्षम हुई |
एचवीजे पाइपलाइन लगभग 250 करोड के निवेश के साथ क्रॉस कंट्री पाइपलाइन का एक आदर्श उदाहरण है और भारत की सबसे लंबी पाइपलाइन के रूप में कार्य करती है | यह गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में फैली हुई है | इसके बाद गैस विस्तार और पुनर्वास परियोजना शुरू की गई है जिसके परिणाम स्वरुप वर्तमान में HVJ पाइपलाइन (प्रेरणा लाइनों सहित ) 3474 किमी से अधिक लंबी है | HVJ पाईपलाइन देश की पहली अंतर –राजीय गैस पाइपलाइन है | HVJ पाइपलाइन में गैस को नापने के लिए विशेष टर्मिनल हैं , गैस के दबाव बढ़ाने के लिए कंप्रेसर स्टेशन हैं, SCADA केंद्रीय निगरानी और नियंत्रण का काम करता है और एक समर्पित GAILTEL संचार प्रणाली और डाटा संचार प्रणाली प्रदान करते हैं | HVJ पाइपलाइन 6 बूस्टर स्टेशन से गुजरती है और प्रतिदिन 60 MMDCMD गैस को देश के विभिन्न जगहों तक पहुचाती है | इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड , अवंतिका गैस लिमिटेड ( एजीएल) एवं गेल गैस , गेल की हजीरा-विजयपुर जगदीशपुर पाइपलाइन (HVJ) को ही गैस स्रोत के लिए प्रयोग करती है | HVJ पाइपलाइन से इस प्राकृतिक गैस को आईजीएल एवं अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा द्वारा 250000 से अधिक घरों और एनसीआर में वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने के लिए प्रयोग की जाती है | यह प्राकृतिक गैस से संचालित वाहनों के लिए सीएनजी भरने के लिए 278 स्टेशनों पर भी इस्तेमाल की जाती है | HVJ से प्राप्त प्राकृतिक गैस वर्तमान में देश के 50 प्रतिशत उत्पादित एलपीजी का स्रोत है |
इसके अलावा, HVJ पाइपलाइन उद्योगों के विभिन्न क्षेत्रों में मदद करता है | बिजली उद्योग में HVJ से गैस यूटीलिटीस द्वारा बेस लोड कारखानों में बिजली का उत्पादन के लिए
और बिजली संयंत्रों के लिए ईंधन के रूप में प्रयोग की जाती है , प्राकृतिक गैस का
उपयोग अमोनिया उत्पादन में फीड स्टॉक के रूप में प्रयोग किया
जाता है साथ ही साथ घरेलू और वाणिज्यिक प्रयोजनों में एलपीजी के उत्पादन के लिए
प्रयोग किया जाता है | HVJ से मिली प्राकृतिक
गैस कच्चे माल के रूप में रासायनिक उत्पादों
जैसे पेट्रो रसायन ( मेथनॉल )एवं प्लास्टिक उत्पाद में इस्तेमाल किया जाता है | HVJ पाईपलाइन गेल के साथ
साथ कई कंपनियों ( जैसे रीलाईंस , आई ओ सी एल
, जी एस पी सी एल , जी जी सी एल , एन एफ एल , ए जी एल , ए वी एल ) को भी अपनी गैस देता है | एन एफ एल का गुना के पास बसा कारखाना विजयपुर से निकली गैस को कच्चे माल
के लिए इस्तेमाल करता है | 2008 में बनी रीलाईंस की 1400 किलोमीटर
लंबी ई डब्लू पी एल जो काकीनाडा ( आंध्र प्रदेश ) से भरूच ( गुजरात ) तक जाती है
वो भी HVJ लाइन से मिलती है | ई डब्लू पी एल दाहेज –विजयपुर पाईपलाइन को जोड़ती है | देश
की औद्योगिक विकास में HVJ पाईपलाइन एक मील का
पत्थर साबित हुई है |
अतः HVJ पाईपलाइन जिस जगह व जिस राज्य निकली है वहाँ सिर्फ विकास ही हुआ है | उस जगह
के लोगो को काम मिला ,बेरोजगारी दूर हुई , वहाँ रहने वाले गेल के कर्मचारियों के
लिए जो सार्वजनिक सेवाएं जैसे अस्पताल , स्कूल , बैंक आदि खोली गयी उससे वहाँ के
लोगो को लाभ हुआ | आस –पास से छोटे –बड़े
व्यापारियों को व्यापार के और काम के नए अवसर मिले | गेल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी का
स्टेशन होने की वजह से सरकार ने ऐसी जगह के विकास के काफी कार्य किया | छोटे छोटे
जिले एवं शहर ( गुना ,राघोगढ़ ,कोटा , ,हजीरा , झाबुआ , धोलपुर ,औरैया ,जगदीशपुर )
जिन्हें कोई नही जानता था आज उन्हें HVJ पाईपलाइन और गेल ने
राष्टीय महत्त्व दिलाया है |
Great information about Gail.
ReplyDeleteI'm very lucky to have completed 1yr apprenticeship from GAIL India limited
Indeed you are lucky to have serve in such a established organisation. Would you like to share your experience at GAIL ? Our readers would love to hear from you.
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