Thursday, January 10, 2019

राष्ट्रीयभाषा हिंदी



विश्वभर में हिंदी भाषा के प्रचार के लिए 10 जनवरी 1975 को नागपुर में विश्व हिंदी सम्मेलन रखा गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। 2006 के बाद से हर 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।  इस हिंदी दिवस पर हमारी "राष्ट्रीयभाषा हिंदी " को समर्पित यह मेरी स्वरचित कविता




माँ के सौंदर्य की शोभा है माथे पर लाल चमकती बिंदी ,
हमारी संस्कृति और देश की शोभा है
 हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी |
यूं तो हमने अपनाई है कई भाषाएँ ,
उड़िया, बंगालीतमिलतेलुगु कन्नड़,मल्यायम की मालाएँ |
मराठी गुजरती ,राजस्थानी, कोंकणी, पंजाबी, सिन्धी और उर्दू भाषा का है हममे है समावेश ,
लेकिन हमारी सभ्यता , संस्कृति , इज्ज़त नजाकत की झलक है ,
हिंदी भाषा से हरा भरा हमारा प्यारा भारत देश |
  
                                    
हिंदी हमें ऊँचे  मक़ाम तक पहूँचाती  है,
हमारे  माध्यम से वो अपना विस्तार और विकास चाहती है |
हमारी ऊँची उड़ान देखकर आत्मगौरव से भर जाती है,
शब्द रुपी पंखों पर सवार हो, हर प्रान्त में विचरण चाहती है  |
पर कितनी भोली है  हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी ,
हम विदेशी भाषा और सभ्यता अपनाते है और हिंदी उदास हो जाती है |

हमारी  सफलता के सपने देखने वाली हिंदी की उपेक्षा से हमें होता है कष्ट ,
हमारे आसपास  का वातावरण हो चुका है बिलकुल भ्रष्ट |
अफ़सोस सिर्फ इतना है कि राष्ट्रभाषा का पारम्परिक सम्मान खो रहा है ,
कवि मैथली  शरनगुप्त  पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और दिनकर के देश में,
ये क्या हो रहा है ?
आइये हम सब मिलकर करे हिंदी का सम्मान ,
तभी देश एक जुट होगा और बनेगा मेरा भारत महान-मेरा भारत महान |

  

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